tag:blogger.com,1999:blog-5836145105913549030.post8749230757316419671..comments2023-05-05T06:59:36.266-07:00Comments on मेरे मन की उलझन: भ्रष्टाचार को कैसे समाप्त किया जाये .?डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) http://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5836145105913549030.post-2183202721682775252011-02-25T02:43:48.174-08:002011-02-25T02:43:48.174-08:00हम भ्रष्टाचार में सहयोग ना करें ना ही किसी को कर...हम भ्रष्टाचार में सहयोग ना करें ना ही किसी को करने दें, तो यह समाप्त हो सकता है। पर शायद हम ही असुविधा उठाना नहीं चाहते।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5836145105913549030.post-58147352306768493632010-05-06T17:51:36.195-07:002010-05-06T17:51:36.195-07:00bhashkar ji aapka tahedil se sukriya is sandesh pa...bhashkar ji aapka tahedil se sukriya is sandesh par aapki ukti marm tak pahuch gayi.............डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5836145105913549030.post-42993113684867034302010-05-05T05:22:59.836-07:002010-05-05T05:22:59.836-07:00में तह दिल से शुक्रिया अदा करता हु रजनी जी का की उ...में तह दिल से शुक्रिया अदा करता हु रजनी जी का की उन्होंने काफी इमानदारी से ऐसी समस्या को सामने लाने का प्रयास किया हे. आज हमारे देश को स्वतंत्र हुए ५० वर्ष से ज्यादा समय बीत गया हे देश ने स्वतंत्र होने के बाद अबतक क्या कमाया हे क्या गवाया इन सारी बातो को हमने टीवी न्यूज़ या फिर समाचार पत्रों के माध्यम से अछी तरह जाना हे..फिर भी हम ऐसी बाते क्यों करते हे जैसे की आज भी हम १९४७ में जी रहे हे. सबसे पहले तो अब हमने यह कह देना छोड़ देना होगा की, अब हमारा देश गरीब हे या फिर हमारे देश की स्थिति या फिर हालत चरमराती हे! आज देश की स्थित विकास के मार्ग पर हे फिर भी हम पढ़े लिखे लोग उसे अविकसित कहते हे क्यों? वाकई में नहीं चाहता हु की इस तरह कोई शिक्षित हो कर विवश हो. आज देश ज्यादा से ज्यादा लोगो को रोजगार मुहया कराने में सक्षम हे! मानसशास्त्र के किताबो को अगर पढ़ा जाए तो उस में हमें हर एक देश के लोगो का स्वभाववैशिष्ट्ये दिखाई पढ़ता हे. भारतीय यानी सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपने आप को समर्पित कर देने वाला, संकुचित वृत्ती,खुद लढाई करेगा पर दिल्ली के तख्तपर दुसरे को बिठाने वाला कुछ ऐसा चित्र हमें इन किताबो में दिखाई पढ़ता हे. आज हमारे पास ऑस्कर को टक्कर देने वाले सिने दिग्दर्शक हे, फिल्मो को पायरसी से बचानेवाला तंत्रज्ञ-उद्योजक हे. अरबो को मसालो का स्वाध पहुचाने वाला उद्योजक वर्ग हे, सिटी बॅंक, नॅसकॉम ऐसे ’कॉर्पोरेट जगत को’ चलाने वाले हे.. इन सभी यशस्वी/काबिल लोगों को न देखते हुए हम देखते हे. वह कुरीयर, हाऊसकिपिंग, हमाल,नौकर, वेटर ऐसी जगह काम करने वाले लोगो को. <br /> देश के लोगो ने अब अपने आप में बदलाव करने की जरुरत हे! संविधान में बदलाव करने की जरुरत नहीं देश चल रहा हे बड़ी बात हे! अब सामाजिक- राजकीय आन्दोलन बहुत हो चुके हे अब हमें अपना विकास करने की आवश्यकता हे.नेताओ को चुनना वह लोकतंत्र का एक हिस्सा हे उनके हातो की कटपुतली बनना यह हम पर आश्रित हे.अगर हमारा आपका विकास हुवा हे तो शायद ही हमें कोई कटपुतली बनाए........<br /><br />रूपेश इंगले(पत्रकार)<br />मुबई <br />मो.09773319896rupesh inglehttps://www.blogger.com/profile/03614226203155963075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5836145105913549030.post-7709712941095603202010-05-05T04:27:45.829-07:002010-05-05T04:27:45.829-07:00aapdono ko hardik sukria......par jahan nirasha ho...aapdono ko hardik sukria......par jahan nirasha hoti hai ham wahin se aasha ka sanchar bhi karte hain........yadi is par pahal achhi shuru ki jaye to safalta nishichit hath aayegi.....डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5836145105913549030.post-50510531547544134892010-05-04T18:59:10.310-07:002010-05-04T18:59:10.310-07:00I am a finance expert economist and many more. I k...I am a finance expert economist and many more. I know the way to finish corruption from country.Please come with me and corruption will be over from country.Satyahttps://www.blogger.com/profile/01235719573461904056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5836145105913549030.post-9086397714635316672010-05-04T09:57:57.050-07:002010-05-04T09:57:57.050-07:00मै जानता हूँ की ये निराशावादी विचार है लेकिन इस दे...मै जानता हूँ की ये निराशावादी विचार है लेकिन इस देश से भ्रष्टाचार को खत्म नहीं किया जा सकता क्योकि कोई करना ही नहीं चाहता सरकार और मंत्री तो देश को बस लूटने में लगे है और जानता एक-दुसरे का गला काटने में तो फिर कौन करेगा और कैसे होगा ?Rahul kundrahttps://www.blogger.com/profile/03026478173315281523noreply@blogger.com